इस समय CBSE, UP Intermediate Board सभी के इण्टरमीडीएट के परीक्षा परिणाम प्राप्त हो चुकें है। अब बहुत सारे छात्रों के मन मे ख्याल उठ रहा है कि अब आगे क्या करे? और कैसे करें?
समान्यतः बच्चे अपने अभिभावक, अपने मित्र या अपने बडे भाई बहन से अपने करियर संबन्धित राय लेते है। क्योकि इनमे से कोई भी मार्ग दर्षन करने मे सक्षम हो ही, यह आवष्यक नहीं है, परिणामतः उनका करियर भगवान भरोसे हो जाता है। वास्तव मे इण्टर पास करने के बाद ही बच्चों को एक सही करियर कौंसलर की जरूरत होती है जो कि उन्हे यह बता सके, कि वो अपना करियर किस दिषा मे और किस क्षेत्र मे बनाये।
वस्तुतः करियर काउसलिग को लेकर बहुत सारी भ्रान्तिया है।
उदाहरण के तौर पर इण्टर पास करने के बाद बच्चों की जानकारी मे 10 या 15 क्षेत्र होते है जिसमे की नौकरी की लिये जाते है। जबकि भारत मे ही 628 विभिन्न क्षेत्र है जिसमे कि वे नौकरी के लिये जा सकते है। वास्तव मे नकल करने की प्रवति इतनी हावी हो चुकी है कि बच्चे अपने कोर्स या विषय का चुनाव भी अपने मित्रों के हिसाब से कर लेते है। जबकि सच्चाई यह है कि हर व्यक्ति इस दुनिया मे एक विशेष प्रतिभा के साथ आता है और अगर उसी क्षेत्र मे काम करे तो उसे उतनी सफलता मिल सकती है जितना उसका योगदान होगा, मित्रों के साथ मिलकर कोई विशय या कोर्स का चुनाव अलग-अलग दक्षता वाले बच्चों को एक ही क्षेत्र मे सफल कैसे बना सकता है। ऐसे समय मे बच्चो को आवष्यकता होती है एक सही करियर काउॅसलर की जो की उन्हे अपना करियर, किस क्षेत्र मे बनाना चाहिये और उसमे सफलता पूर्वक करियर कैसे बना सकता है, ये बताये, करियर काउॅसलर बच्चों का एडमीषन नहीं कराता बल्कि वह सही मार्ग दर्शन करता है।
समान्यतः बच्चे अपने अभिभावक, अपने मित्र या अपने बडे भाई बहन से अपने करियर संबन्धित राय लेते है। क्योकि इनमे से कोई भी मार्ग दर्षन करने मे सक्षम हो ही, यह आवष्यक नहीं है, परिणामतः उनका करियर भगवान भरोसे हो जाता है। वास्तव मे इण्टर पास करने के बाद ही बच्चों को एक सही करियर कौंसलर की जरूरत होती है जो कि उन्हे यह बता सके, कि वो अपना करियर किस दिषा मे और किस क्षेत्र मे बनाये।
वस्तुतः करियर काउसलिग को लेकर बहुत सारी भ्रान्तिया है।
उदाहरण के तौर पर इण्टर पास करने के बाद बच्चों की जानकारी मे 10 या 15 क्षेत्र होते है जिसमे की नौकरी की लिये जाते है। जबकि भारत मे ही 628 विभिन्न क्षेत्र है जिसमे कि वे नौकरी के लिये जा सकते है। वास्तव मे नकल करने की प्रवति इतनी हावी हो चुकी है कि बच्चे अपने कोर्स या विषय का चुनाव भी अपने मित्रों के हिसाब से कर लेते है। जबकि सच्चाई यह है कि हर व्यक्ति इस दुनिया मे एक विशेष प्रतिभा के साथ आता है और अगर उसी क्षेत्र मे काम करे तो उसे उतनी सफलता मिल सकती है जितना उसका योगदान होगा, मित्रों के साथ मिलकर कोई विशय या कोर्स का चुनाव अलग-अलग दक्षता वाले बच्चों को एक ही क्षेत्र मे सफल कैसे बना सकता है। ऐसे समय मे बच्चो को आवष्यकता होती है एक सही करियर काउॅसलर की जो की उन्हे अपना करियर, किस क्षेत्र मे बनाना चाहिये और उसमे सफलता पूर्वक करियर कैसे बना सकता है, ये बताये, करियर काउॅसलर बच्चों का एडमीषन नहीं कराता बल्कि वह सही मार्ग दर्शन करता है।
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